Wednesday, 24 October 2018

उद्या मंगळावर सुद्धा नेटीव्हीसम !

पृथ्वी वाशी लोकांनी मंगळावर वसाहतवाद , ब्राह्मीनवाद , पुंजीवादी शोषण नेवून तिथे धुमाकूळ घातला तर मंळवासीयांनो तुम्ही नेटिव्हीसीम घ्या , नेटिव्ह हिंदुत्व घ्या आणि या अन्यायी पृथ्वी वाशीं चा पराभव करा , नेटिव्ह रुल आणा तो तुमचा जन्म सिद्ध अधिकार आहे !

जगात आणि विश्वात जिथे जिथे नेटिव्ह , नेटिविस्ट आपल्या अधिकार साठी , नेटिव्ह रुल साठी लढत असतील , लढतील तिथे तिथे आम्ही तुमच्या बरोबर असू !

नेटीव्हीसम हे वैश्विक तत्त्व ज्ञान आहे ! उद्या मंगळावर सुद्धा नेटीव्हीसम !

नेटिविस्ट डी डी राऊत
अध्यक्ष
नेटिव्ह रुल मोव्हमेन्ट

Saturday, 13 October 2018

कधी जोरात , कधी हळू हळू -- हे असे आहे !


आमचा विचार काय आहे ते आम्ही सांगतो . आमचा विचार नेटीव्हीसम आणि नेटिव्ह हिंदुत्व आहे . आम्ही केवळ नेटीव्हीसम ला आपला गुरु मानतो आणि नेटिव्ह हिंदुत्व ला आमचे मार्गदर्शन . नेटीव्हीसम हा एक स्वतंत्र विचार आहे जो जगातील सर्व नेटिव्ह लोकांना नेटिव्ह रुल आणण्या साठी प्रोत्साहित करतो . नेटिव्ह लोकांच्या दुख्खाचे कारण वसाहतवाद , ब्राह्मीनवाद , अमर्याद पुंजीवाद राहिला आहे असे आमचे ठाम मत आहे . हिंदुस्तानांत विदेशी ब्राह्मण नकली हिंदू बनून खऱ्या ९७ टक्के नेटिव्ह लोकांची दिशाभूल करीत आहेत त्या मुले नेटिव्ह हिंदुत्व , नेटिव्ह सत्य हिंदू धर्म सांगण्याची मोदी गरज निर्माण झालो होती . विदेशी ब्राह्मण वैदिक धर्म म्हणून हिंदुत्व सांगतात आणि खऱ्या हिंदूंची दिशाभूल करतात तर आंबेडकरांनी सुद्धा हिंदू म्हणजे वैदिक विदेशी ब्राह्मण धर्म असा समज करून दिल्या मुळे आणि दुसरी कडे हिंदू कोडे बोललात खुद्द त्यांनीच हिंदू म्हणजे जैन , बौद्ध , शीख असे टाकल्या मुळे खरे हिंदुत्व किंवा नेटिव्ह हिंदुत्व काय आहे हि सांगण्याची जबाबदारी आम्ही उचलली आहे पण नेटिव्ह हिंदू आणि धर्मातरित हिंदू बौद्ध यांनी हे समजून न घेताच एकूणच गैर ब्राह्मण हिंदू विरुद्ध अनावश्यक दुष्प्रचार चालविला हे मोठे आव्हान आम्ही हिंदू धर्म म्हणजे कबीरांचे बीजक असे सांगण्या साठी सत्य हिंदू धर्म सभा , मूळ भारतीय विचार मंच , नेटिव्ह पीपल्स पार्टी अश्या नेटिव्ह रुल मोव्हमेन्ट मधून मांडतो तेव्हा आमची नेटिव्ह रुल मोव्व्हमेन्ट आंबेडकरी विचाराच्या विरोधात आहे असे काहींना वाटते मात्र ते तसे नसून नेटीव्हीसम आणि नेटिव्ह हिंदुत्व हा आमचा विचार मांडणे असा आहे हे होत असताना आम्ही आम्ही केवळ आंबेडकरी विचाराचे विरोधी नाहीत तर ब्राह्मीनवाद , गांधीवाद , मार्क्सवाद या प्रस्थपित विचार विरुद्ध सुद्धा आहोत जारण या पैकी कोणताही विचार नेटिव्ह हिंदुत्व अर्थात हिंदू वोही , जो ब्राह्मण नाही , हिंदू धर्म आणि ब्राह्मण धर्म वेग्वेगड आहेत , विदेशी ब्राह्मण , भारत छोडो म्हणत नाही त्या मुले आम्ही यांचे विरुद्ध आहोत असे म्हणण्या पेक्षा हे सर्व विचार , विचाराचे पक्ष , संघटन आमचे विरुद्ध आहेत असे म्हणणे जास्त सयुक्तिक ठरेल .

नेटीव्हीसम आणि नेटिव्ह हिंदुत्व हा विचार घेऊन आमचे कार्य , पक्ष , हिंदू धर्म जागृती इत्यादी चालू आहे आणि त्याचे परिणाम आता नेटिव्ह हिंदू कडून हिंदू धर्म आणि ब्राह्मण धर्म वेग्वेगडे आहेत हा विचार आता विविध गैर ब्राह्मण विचारवंत , संघटन उचलून धरत आहेत .

आम्ही ३ टक्के विदेशी ब्राह्मण हे एक वर्ण , सवर्ण आहेत बाकी ९७ टक्के हे नेटिव्ह हिंदू आणि हिंदू हि शिवी नाही तर हिंडो , इंडो , हिंदुस्थान , इंडिया अशी हजारो वर्षाची ऐतिहासिक पार्श्वभूमी असलेली लढाऊ वृत्ती आहे जिने विदेशी ब्राह्मण ब्रह्माचे डोके कापले , विदेशी ब्राह्मण रावण मारला , विदेशी ब्राह्मण अस्वस्थामा , परशुराम मारला आणि हिंदुत्व काय आहे ते दाखवून दिले आहे . हिंदू धर्म केवळ बीजक कबीर वाणी हेच आहे हा विचार सुद्धा आमच्या सतत लेखनातून आम्ही मांडला ज्यात वर्ण , जाती , वेद , भेद , ब्राह्मण होम , हवन , जनयु , रॅपिस्ट ब्राह्मण गॉड्स नाकारले गेले ते आता हिंदू समज मांडतो आहे हि परिवर्तनाची नांदीच समजावी .

थोडक्यात आम्ही परत सांगतो आमचा विरोध आंबेडकर , आंबेडकर वाद , गांधीवाद , मार्क्सवाद , ब्राह्मीनवाद या सर्वाना आहे केवळ आंबेडकर वादी ना नव्हे कारण आम्ही नेटीव्हीसम आणि नेटिव्ह हिंदुत्व हा विचार घेऊन चालतो म्हणजे चालतो , गती मंद असेल , दिसेल , दिसणार नाही पण जसे रोज आपण आपल्या मुला कडे बघतो पण रोज किती वाढ झाली हे सांगता येत नाही तसेच नेटिव्ह रुल मोव्हमेन्ट चे आहे , कधी आजारी , कधी ठप्प , कधी जोरात , कधी हळू हळू -- हे असे आहे !

नेटिविस्ट डी डी राऊत ,
अध्यक्ष
नेटिव्ह रुल मोव्हमेन्ट

Sunday, 7 October 2018

हमें नेटिव अर्थ शास्त्र विकसित करना है तो आज के संसाधन को इस्तेमाल भी करने होंगे।

विदेशी आक्रमणकारी वैदिक धर्मी ब्राह्मण के कारण हिन्दू समाज , हिन्दू धर्म , हिंदुस्तान टूट कर बिखर गया। हिन्दू के पास उसके पूर्वजोंके छोटे मोटे काम , अल्प भूमि के आलावा कुछ नहीं बचा जिस के कारण हर साल बड़े पैमाने पर बेरोजगार , भूमिहीन मजदुर , कुपोषण , बाल मृत्यु , अस्वच्छता के कारण निर्माण हुवी कई बीमारिया , वयस्क कई प्रकारकी बीमारिया , जल्दी मृत्यु , आदि समश्या देश और हिन्दू समज के लिए स्थायी बन गयी वही विदेशी ब्राह्मण मंदिरो में आराम , वेश्या वेवसाय , मंदिर की कमाई , मंदिर के भूमि की कमाई , दान दक्षिणा में प्राप्त हुव सोना , चाँदी और आभूषण से ेशो आराम की जिंदगी बिताते रहे। फिर उन्हों ने इस के साथ , नाम निकलना , नाम करण, शादी ब्याह की तारीख निकलना , शुभ महूरत , भविष्य बताना , कुछ टोटके पूजा करना आदि से भी कमाई करते रहे और अंत में मृत्य पर गोदान , अन्य दान से अपनी झोली भरते रहे पर बाकी सच्चे स्वदेशी हिन्दू को क्या मिला ? शोषण , शोषण , शोषण ! जाती , वर्ण , ऊंचनीच , भेदभाव आदि से हिन्दू समाज टूट चूका परिणाम ये हुवा की नयी खोज रुक गयी नए उत्पादन के साधन विकसित होना बंद हो गया।

अधर्म को धर्म बताया गया , हिन्दू धर्म को मिटाया गया और विदेशी ब्राह्मण धर्म को हिन्दू धर्म के नाम पर सामने लाया गया क्यों की ये देश हिन्दू का हिंदुस्तान था वही नाम चल सकता था , विदेशी ब्राह्मण वही नाम बताकर आज तक लुटते रहे है। जिस में ये दो , वो दो , ये दान करो , वो दान करो इस के शिवाय कुछ नहीं बताया गया , हालत ये हुवी की स्वदेशी अर्थशास्त्र नहीं बन पाया। आज भी लोग देव देव कहते है , निर्मिति की बात कोई नहीं करता।

आज हमें स्वदेशी यानि नेटिव अर्थ शास्त्र की जरुरत है जो ये बता सके की अर्थाजन कैसे किया जाए ! हमारे पास भूमि नहीं , साधन नहीं , शिक्षा नहीं . फिर क्या करे ? सरकार में विदेशी ब्रह्मिणवादी , ब्राह्मण हतचिंतक बैठे है जो देश के संसाधन यहाके नेटिव लोगो को मुहैया नहीं कराती , केवल दिखावा करती है , भ्रस्टाचार से देश लुटा जा रहा है तब कोण सोचने वाला है ९७ प्रतिशत गरीब नेटिव लोगो के लिए ? हमें ही सोचना होगा। भजिया तलो ये कोई समाधान नहीं हो सकता हमें कुछ ठोस सोचना होगा और इस के लिए नेटिव लोग जो कुछ पढ़े लिखे , व्यापर , उद्योग में है ूँजे सामने आकर नेटिव चेंबर ऑफ़ इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स बनाना होगा ताकि हम नेटिव अर्थशास्त्र विकसित कर सके। ये लेख पढ़कर अगर कुछ उत्सुक लोग सामने आएंगे तो हमें बेहद ख़ुशी होगी। हमें नेटिव अर्थ शास्त्र विकसित करना है तो आज के संसाधन को इस्तेमाल भी करने होंगे।

नेटिविस्ट डी डी राउत ,
विचारक ,
मूल भारतीय विचार मंच

Friday, 5 October 2018

अब केवल एक ही काम : विदेशी ब्राह्मण भगवो , नेटिव रूल लावो !
अगर हिंदवे, हिण्डो जैसे सब्द एसवी सन १५०० पूर्व भी हमारे लिए कहे जाते थे और ईरानी , ब्राह्मण हमें काले , चोर , नीच , शूद्र कहते थे तो वो उनकी हमारे लिए जलन मानी जानी चाहिए क्यों की अक्सर गधे लोग , असभ्य लोग जैसे की इतिहास में यूरेसियन ब्राह्मण जाने जाते है और सिंधु संस्कृति के सामने पर्शियन , ईरानी संस्कृति भी बच्चा ही थी , वे हम हिन्दू को कोई गाली देकर नीच , काले , चोर , शूद्र भी कहते है तब भी वह हमारे लिए हम विश्व में बड़े होने की बात ही जाहिर करती है , हिंदवे , हिण्डो , हिन्दू यह बहुतही पुरातन सब्द है इस में कोई शक नहीं और वो सिंधु हिन्दू सभ्यता माननेवाले , विक्सित करने वाले लोगो के लिए प्रयुक्त किया गया है , जहा वे लोग भी है , धर्म भी है और राष्ट्र भी। ऐसी सब्द से इंडो और आज इंडिया अर्थात हिंदुस्तान बना है। हमारा धर्म भी हिण्डो ही रहा है और आगम का मतलब केवल पुराना दर्शानेके के लिए ज्यादा सटीक लगता है धर्म का वो नाम नहीं लगता। धर्म का नाम हिन्दू जो लोग और देश दर्शाता है वही ज्यादा ठीक लगता है और हिन्दू के देवीदेवता में जो गैर ब्राह्मण रहे है उसमे पशुपति नाथ , नाग नाथ , शक्ति , भूमि आदि रहे होंगे और उनमे कुछ का दर्जा धर्म संस्थापाल का भी रहा होगा।
आज हमें सोचना है हिन्दू , हिंदुस्तान , हिन्दू संस्कृति , हिन्दू धर्म के लिए क्या जरुरी है ? हम नाम लेकर पीछे नहीं जा सकते , हिन्दू धर्म जा नाम कोई और नहीं रख सकते , हिन्दू लोगो को हम किसी और नाम से आज हम नहीं बुला सकते। हम केवल हिन्दू धर्म और ब्राह्मण धर्म कैसे अलग अलग है वो बता सकते है , उनका ब्राह्मण धर्म क्या है , हमारा हिन्दू धर्म क्या है ये बता सकते है , नए नाम से नया धर्म नहीं निर्माण कर सकते नाही ऐसे एक सामाजिक , शैशणिक संस्था जैसा मान कर उसकी हम नियमावली बना सकते है , धर्म बताने के किये पुँहचे हुवे धर्मात्मा की जरुरत होती है जिसजे जीवन पूर्ण स्वच्छ , साफ सुथरा और जैसी वाणी वैसे रहनी जैसा होना जरुरी है धर्म को इधरका कुछ , उधर का कुछ कर हम समरी नहीं बना सकते। हिन्दू धर्म क्या है ये बताने का काम धर्मात्मा कबीर ने अपनी लोक वाणी बीजक में बहुत ही सरल भाषा और आध्यात्मिकता का हर पहलु छू कर किया है जो हिंदुस्तान की वास्तविक धरातल से जुड़ा हुवा है उसे हमें उदारता पूर्वक और सच्चे मन से ग्रहण कर सत्य हिन्दू धर्म ये है बताना पड़ेगा और ब्राह्मण धर्म अलग है वो केवल ३ पृषत सवर्ण , एक वर्ण ब्राह्मण का है , गैर ब्रह्मिन का नहीं है कहाँ पड़ेगा। ब्राह्मण धर्म वेद , भेद , वर्ण ,जाती , ऊंचनीच , ब्राह्मण , ब्राह्मण पुजारी , होम हवं है , रेपिस्ट गोड्स ब्रह्मा , विष्णु , इंद्रा , सोम , वरुण , रूद्र है जो हम हिन्दू नहीं मानते , नाही मानना चाहिए ये बताना है।
हिन्दू सब्द की व्याख्या बहुत हो गयी , काले , नीच , चोर आदि सब्द हमारे लिए अब कोई महत्त्व नहीं रखते है। हिन्दू मतलब , गैर ब्राह्मण 97 प्रतिशत लोग जो सभी किसी समय एक ही थे हिंदुस्तानी थे धर्म , देश , राष्ट्र से एक थे जो हिन्दू इस एक ही नाम से जाने जाते है आज कुछ धर्मातरित हुवे होंगे पर सभी आज भी हिन्दू ही है। हम एक राष्ट्र है नेटिव नेशन है , नेटिव हिंदुत्व हमारा आत्मा है जिसे हम सब्दो में उलज़कर अपना कीमती समय व्यर्थ में गवा नहीं सकते।
मेरा वतन ; हिंदुस्तान
मेरा धर्म ; हिन्दू ( बौद्ध , जैन , सिख और मूल हिन्दू धर्मातरित )
मेरी भाषा ; हिंदी
मेरी पहचान ; हिंदवी
मेरा हिन्दू धर्म ग्रन्थ : बीजक
मेरा हिन्दू धर्म गुरु : धर्मात्मा कबीर
मेरे हिन्दू देवता : शिव , राम , कृष्ण , कबीर , साई
मेरे पूज्यनीय : सभी गैर ब्राह्मण महात्मा , साधु , संत , महापुरुष
अब केवल एक ही काम : विदेशी ब्राह्मण भगवो , नेटिव रूल लावो !
नेटिविस्ट डी डी राउत ,
प्रचारक ,
सत्य हिन्दू धर्म सभा
नेटिविस्ट डी डी राउत के सरल जीवन पर :

जन्म :
२४ अगस्त १९४८ , पौनी , जिल्हा ; भंडारा , महाराष्ट्र

प्राथमिक शिक्षा ;
नगरपालिका नेहरू प्राथमिक शाला और नगरपालिका सक्ससेना प्राथमिक शाला, पौनी

उच्चा शाला :

नगरपालिका स्कूल , पौनी १९६५ तक

कॉलेज :

आर्ट्स एंड कॉमर्स कॉलेज, सावनेर ,
नवजबाई हितकारणी कॉलेज , ब्रह्मपुरी ,
गोविंदराम सेक्सरिया कॉमर्स कॉलेज , नागपुर १९७२ ऍम. कॉम तक

नौकरी :

ऑडिटर , डायरेक्टर ऑफ़ ऑडिट , सेंट्रल रेलवे , मुंबई
अस्सी एकाउंट्स अफसर , इंडियन टेलीफोन इंडस्ट्रीज
अफसर इन चार्ज, शिपिंग एंड क्लीयरेंस , आईटीआई
अकाउंटेंट , दैनिक सम्राट , मुंबई
सीनियर एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर, इंडियन एजुकेशन सोसाइटी , मुंबई
प्रोजेक्ट मैनेजर, डिबेसा , डोम्बिवली

निजी उद्दोग :

होटल कृष्णा

सामजिक कार्य :

अध्यक्ष , तरुण बौद्धिक मंडल , पौनी १९७२
अध्यक्ष , फेडरेशन फॉर ईरादीकेसन ऑफ़ इविल्स , मुंबई १९७३
अध्यक्ष , बहुजन एजुकेशन फाउंडेशन ऑफ़ इंडिया , कल्याण
इंग्लिश स्कूल , बाल गृह
अध्यक्ष : आईटीआई रीजनल एम्प्लाइज कांग्रेस यूनियन
अध्यक्ष ; आईटीआई आफिसर्स रीजनल एसोसिएशन

अध्यक्ष ; अखिल भारतीय श्रमिक अन्याय निर्मूलन लोक समिति ( यूनियन ) अहमदबाद

जनरल सेक्रेटरी, प्रभारी प्रमुख : गुजरात कांग्रेस समाजवादी

प्रेजिडेंट : नेटिव रूल मूवमेंट , १९९० से आज तक
नेटिव पीपल्स पार्टी
मूल भारतीय विचार मंच
सत्य हिन्दू धर्म सभा

फाउंडर ऑफ़ पोलिटिकल थॉट :

नेटिविज़्म एंड नेटिव हिंदुत्व :

नेटिविज़्म यह वैश्विक विचार है जो वसाहतवाद , ब्रह्मिणवाद और अमर्याद पूंजीवाद को विश्व में सभी जगह विरोध करता है और नेटिव रूल लाने का समर्थन करता है

कुछ प्रसिद्ध विचार :

हिन्दू वोही , जो ब्राह्मण नहीं !
हिंदुत्व वही , जिसमे ब्राह्मण बिलकुल नहीं !
जनेऊ छोडो , भारत जोड़ो !
हिन्दू धर्म और ब्राह्मण धर्म अलग अलग है !
हिन्दू धर्म का एक मात्र धर्म ग्रन्थ है बीजक !
हिन्दू धर्म में वर्ण , जाती , ब्राह्मण , होम हवन , ब्राह्मण रेपिस्ट गोड्स ब्रह्मा , विष्णु , इंद्रा , रूद्र नहीं है वे ब्राह्मण धर्म में है।
धर्मात्मा कबीर ने ब्राह्मण धर्म पूरी तरह ख़ारिज किया है !
विदेशी ब्राह्मण , ब्राह्मण धर्म , ब्रह्मिणवाद ये सभी हिन्दू , हिंदुस्तान और सभी नेटिव लोगो के दुश्मन है !
केवल ३ प्रतिशत विदेशी ब्राह्मण सवर्ण एक है बाकी ९७ प्रतिशत नेटिव है! विदेशी ब्राह्मण , भारत छोडो !

मानद प्राध्यापक ; इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ ह्यूमन राइट्स , नई दिल्ली

नेटिविस्ट दौलतराव डोमाजी राउत