गाँधी और आंबेडकर विचार देश के उज्जवल भविष्य के लिए घातक :
गाँधी और आंबेडकर विचार के दुष्परिणाम से जब तक हम हिंदुस्तान को निकालेंगे नहीं , यहाँ विदेशी ब्राह्मण बना रहेगा , राज करता रहेगा।
गाँधी और आंबेडकर ने कभी स्वतंत्र पद्धति से देश की समस्या पर चिंतन नहीं किया। उनपर विदेशी ब्रह्मिनो ने जो भी लिखा कहा उसे स्वीकार कर वर्ण और जाती सिस्टम को हिन्दू धर्म का हिस्सा माना , ये उनकी सब से बड़ी भूल थी। जिस कारन वो विदेशी ब्राह्मण धर्म अलग है और नेटिव हिन्दू धर्म अलग है कहने की हिम्मत नहीं जुटा पाए। ९७ % लोगो जो नेटिव हिंदुस्तानी है उनके साथ ३ टक्का विदेशी ब्राह्मण लोगो के लिए दूजैभाव और अन्याय किया गया। गाँधी - अमबड़ेकर विचार सही होते तो आज नेटिव लोग भिक नहीं मांगता वो भीkewal ३ टक्का विदेशी ब्रह्मिनो के आगे हाथ फैलाकर। हमें हिंदुस्तान को गाँधी - अमबेडकर विचार के दुष्परिणामों से जल्दी बाहर लाना होगा , नयी सोच , नया विचार , नेटिविज़्म हमारा गुरु है और नेटिव हिंदुत्व हमारा मार्गदर्शन कहना होगा। मुक्ति का यही पथ है , नेटिव रूल का यही पथ है
नेटिविस्ट डी.डी.राउत
अध्यक्ष ,
नेटिव रूल मूवमेंट
गाँधी और आंबेडकर विचार के दुष्परिणाम से जब तक हम हिंदुस्तान को निकालेंगे नहीं , यहाँ विदेशी ब्राह्मण बना रहेगा , राज करता रहेगा।
गाँधी और आंबेडकर ने कभी स्वतंत्र पद्धति से देश की समस्या पर चिंतन नहीं किया। उनपर विदेशी ब्रह्मिनो ने जो भी लिखा कहा उसे स्वीकार कर वर्ण और जाती सिस्टम को हिन्दू धर्म का हिस्सा माना , ये उनकी सब से बड़ी भूल थी। जिस कारन वो विदेशी ब्राह्मण धर्म अलग है और नेटिव हिन्दू धर्म अलग है कहने की हिम्मत नहीं जुटा पाए। ९७ % लोगो जो नेटिव हिंदुस्तानी है उनके साथ ३ टक्का विदेशी ब्राह्मण लोगो के लिए दूजैभाव और अन्याय किया गया। गाँधी - अमबड़ेकर विचार सही होते तो आज नेटिव लोग भिक नहीं मांगता वो भीkewal ३ टक्का विदेशी ब्रह्मिनो के आगे हाथ फैलाकर। हमें हिंदुस्तान को गाँधी - अमबेडकर विचार के दुष्परिणामों से जल्दी बाहर लाना होगा , नयी सोच , नया विचार , नेटिविज़्म हमारा गुरु है और नेटिव हिंदुत्व हमारा मार्गदर्शन कहना होगा। मुक्ति का यही पथ है , नेटिव रूल का यही पथ है
नेटिविस्ट डी.डी.राउत
अध्यक्ष ,
नेटिव रूल मूवमेंट
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